Tuesday, January 10, 2012

शिव पुजा मंत्र

भगवान भोलेनाथ की पूजा का संकल्प लेते समय इस मंत्र का उच्चारण करें. देवदेव महादेवनीलकण्ठ नमोऽस्तु ते | कर्तुमिच्छाम्यहं देव शिवरात्रिव्रतं तव || तव प्रभावाद्देवेश ! निर्विघ्नेन भवेदिति | कामाद्याः शत्रवो मां वै पीडां कुर्वन्तु नैव हि || भगवान शंकर को स्नान समर्पण के दौरान इस मंत्र का उच्चारण करें. ॐ वरुणस्योत्तम्भनमसि वरुणस्य सकम्भ सर्ज्जनीस्थो | वरुणस्य ऋतसदन्यसि वरुणस्य ऋतसदनमसि वरुणस्य ऋतसदनमासीद् || भगवान शिव का आवाहन इन मंत्रों के द्वारा करें. कैलासशिखरस्थं च पार्वतीपतिमुत्तमम् || यथोक्तरुपिणं शम्भुं निर्गुणं गुणरुपिणम् | पंचवक्त्रं दशभुजं त्रिनेत्रं वृषभध्वजम् || कर्पूरगौरं दिव्यांगगं चन्द्रमौलिं कपर्दिनम् | व्याघ्रचर्मोत्तरीयं च गजचर्माम्बरं शुभम् || वासुक्यादिपरीतांगं पिनाकाद्यायुधान्वितम् | सिद्धयोऽष्टौ च यस्याग्रे नृत्यन्तीह निरन्तरम् || जयजयेति शब्दैश्च सेवितं भक्तपुंजकैः | तेजसा दुस्सहेनैव दुर्लक्ष्यं देवसेवितम् || शरण्यं सर्वसत्त्वानां प्रसन्नमुखपंकजम् | वेदैः शास्त्रैर्यथागीतं विष्णुब्रह्मनुतं सदा || भक्तवत्सलमानन्दं शिवमावाहयाम्यहम् | भगवान भोलेनाथ को अर्घ्य प्रदान करते समय इस मंत्र का उच्चारण करें. रुपं देहि यशो देहि भोगं देहि च शंकर | भुक्तिमुक्तिफ़लं देहि गृहीत्वार्घ्यं नमोऽस्तु ते || इस मंत्र के द्वारा भगवान शिवजी को बिल्वपत्र समर्पण करना चाहिए . दर्शनं बिल्वपत्रस्य स्पर्शनं पापनाशनम् | अघोरपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम् ||

No comments:

Post a Comment

नई पोस्ट

हिन्दु धर्म ने ही विश्व को सहिष्णुता का पाठ पढ़ाया

____________________________________________ हिन्दू-धर्मका हित-साधन प्रकार ही विश्वके समस्त धर्मों एवं वर्गोसे भिन्न है। यहाँ किसीको हिन्दू ...